पिछले दिनों आँगनबाड़ियों में हुई नियुक्तियों में भारी फर्जीवाडा
मेरिट सूची के अनुसार नहीं हुआ चयन
पात्र आवेदकों ने की शिकायत
Time news.
रहली। मध्यप्रदेश में भर्ती प्रक्रियाएं लगातार विवादों में है। कुछ दिनों पूर्व महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी जिसमें चयन प्रक्रिया मेरिट के आधार पर रखी गई थी। अब इस चयन प्रक्रिया में नया विवाद खड़ा कर दिया है चयन प्रकिया में वर्गीय आरक्षण एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए अतिरिक्त अंक देने का प्रावधान था। बस इसी को आधार बनाकर विभाग के जिले में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थानीय अधिकारियो की मदद से अपने फर्जी के मंसूबों को अंजाम दिया
विभाग ने ऐसे पदों पर डायरेक्ट नियुक्तियां दे दी जो गैर विवादित पद थे, लेकिन जिन पदों पर आपत्तियां दर्ज की गई थी उन पर अब विभाग ने एक बड़ा फर्जी बाड़ा किया है सागर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग का अब तक का सबसे बड़ा फर्जी बाड़ा है जिसमें ऐसे लोगों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए हैं जो चयन सूची में आवेदक ही नहीं थे जो आवेदक थे उनका उस पद पर कहीं नामोनिशान तक नहीं।जब यह जानकारी आवेदक को लगी तो उन्होंने इसकी शिकायत स्थानीय विधायक एवं पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव एवं लिखित शिकायत अनुविभागीय अधिकारी से की जबकि विभाग ने कुछ ही दिन पूर्व इन आवेदकों के फर्जी नियुक्ति पत्रों को स्थानीय विधायक गोपाल भार्गव के हाथों से वितरित कराए गए थे।महिला बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस घोटाले को एक सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया और चयन सूची को एक नियत तिथि तक आवेदकों की पहुंच से दूर रखा ताकि उनको निर्धारित समय में इस पर कानूनी कार्यवाही करने का मौका ना मिल सके।
# चयन प्रक्रिया में मेरिट सूची का नहीं रखा गया ध्यान –
शुक्रवार को एस डी एम के के नाम तहसीलदार राजेश पांडेय को सौपी गई शिकायत में सर्रा खुर्द की आवेदक काजल अहिरवार ने बताया की उनके कुल 67 अंक हैं और मेरिट सूची में पहला नाम हैं लेकिन जो चयन सूची जारी की गई उसमे 60 अंक वाली वर्षा अहिरवार का चयन किया गया हैं और उसे न्युक्ति पत्र दिया गया हैं, आवेदक कुद पूरा की आवेदक चंदा यादव ने बताया की हमारे यहाँ निकिता शाह का चयन हुआ हैं जबकि उनका नाम मेरिट सूची में हैं ही नहीं हमारे यहाँ से केवल दो फार्म सूची में पोर्टल पर प्रदर्शित हो रहें हैं और दोनों का ही चयन नहीं हुआ बिना आवेदन के चयन कर दिया गया। मामले में ज़ब जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी भरत सिंह राजपूत को फोन लगाया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया जबकि स्थानीय परियोजना अधिकारी ममता खटीक ने बताया की आवेदन ऑनलाइन हुए थे,चयन प्रक्रिया जिला मुख्यालय से हुई हैं और वही से नियुक्ति आदेश बन का आये थे इसलिय हमारे पास कोई जानकारी नहीं हैं।
#15 में से 8 नियुक्तियां फर्जी –
महिला एवं बाल विकास विभाग में रहली विधानसभा में कुल 19 नियुक्तियां होनी थी जिसमें पिछले दिनों 15 आवेदकों को चयन समिति द्वारा नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए जिनका वितरण क्षेत्रीय विधायक पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव द्वारा एस डी एम कुलदीप परासर वा विभागीय अधिकारियो की उपस्थिति में किया गया था शेष 4 आवेदकों को जाँच के नाम पर होल्ड लगा दिया गया था ऑनलाइन पोस्टल पर जब जाँच पड़ताल की गई तो इन 15 में से 8 नियुक्तियां फर्जी प्रतीत हो रही हैं 3 नियुक्ति तो ऐसी हैं जिनका पोर्टल पर मेरिट सूची में नाम ही नहीं हैं वाकि में कम अंक वालों की नियुक्ति कर दी गई और अधिक अंक वालो को छोड़ दिया गया, साथ ही स्थानीय होने के नियम को भी प्राथमिकता नहीं दी गई दूसरे गांव की निवासी का भी चयन कर दिया गया जबकि नियम अनुसार बेटी की अपेक्षा बहु को प्राथमिकता दी जाना थी।
#इन नियुक्तियों पर फर्जी होने का संदेह –
1. किरण काछी तीखी 70.8
2. सीमा पटेल रामगढ़ लिस्ट में नाम नहीं
3. सपना जारोलिया सहुआ 64.3
4. संजना अहिरवार मडला 62.2
5. निकिता शाह कुदपुरा लिस्ट में नाम नहीं
6. वैष्णवी दांगी खरगापुर लिस्ट मे नाम नहीं
7. रश्मि वासुदेव खापा 48.6
8. वर्षा अहिरवार सर्रा खुर्द 60.2
इनका कहना हैं – महिला एवं बाल विकास विभाग में हुई कार्यकर्त्ता वा सहायिका की नियुक्ति में फर्जीबाड़े की लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही हैं जिन्हें सम्बन्धित सम्बन्धित विभाग को भेजा गया हैं जिले से जाँच कमेटी बनेगी और कार्यवाही भी वही से की जाएगी। राजेश पांडेय तहसीलदार रहली



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