ऑनलाइन ठगों ने पहले सिम बंद की और उसी नंबर की सिम चालू कर खातों से निकली राशि
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| ऑनलाइन ठगी का शिकार हुआ ठेकेदार प्रवीण सिरोठिया |
तीन खातों से 4 लाख 18 हजार रूपये यू पी आई के माध्यम से निकाले
जिओ कम्पनी संदेह के घेरे में
Time news.
रहली। ऑनलाइन ठगी का एक मामला सामने आया है जिसमे एक व्यक्ति के तीन खातों से रातो रात चार लाख 18 हजार रूपये ट्रांसपर कर लिए गए चुकी उसकी सिम बंद थी तो उसे कोई मेसिज भी नहीं आया, ठगी की जानकारी व्यक्ति को तब लगी ज़ब वह अपने खाते में एक चेक लगाने गया, जिसकी सुचना फरयादी प्रवीण सिरोठिया निवासी वार्ड 13 ने पुलिस थाना, पुलिस अधीक्षक वाले साइबर शाखा में दी है। अपने आवेदन में बताया की दिनाक 10.1.2025 का आवेदक की जियो कंपनी की सिम अचानक बद हो गई जिसके उपरांत आवेदक ने रहली जियो आफिस में सपर्क किया व ऑफिस में सिम चालू करने के लिए अपने फिंगर वाले रेटीना स्केन कराया फिंगर व रेटिना नहीं आने के कारण सिम चालू नहीं हो सकी व आवेदक का आधारकार्ड सुधरवाने के लिए जिओ ऑफिस से बोला गया।
और उसके बाद लगातार बैंक खातों से पैसे निकलना शुरू हो गए जो बैंक स्टेटमेंट में स्पष्ट है, अब यहाँ सवाल यह है की आवेदक ने फिंगर प्रिंट केवल जिओ ऑफिस में दिए थे और सिम बनाने का काम भी जिओ ऑफिस से ही होना था यहाँ पर आवेदक को पता ही नहीं चला सिम बन भी गई और राशि भी निकल गई अब जिओ ऑफिस इस पुरे मामले से पल्ला झाड रहा है जो की मुख्य संदेही है।
आवेदक का करंट खाता क.36080942292 स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में दिनाक 11.02.2025 की किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा पहले 299 रुप्या फिर 25.000/ रूपया, 24099/ रुपया 25000 / रुपया 24.000/ रूपया निकाले गये फिर दिनाक 12.02.2025 को एक रूपया, फिर 50.000/ रूपया फिर 10,000 रूपया फिर 2000 दो हजार रूपया फिर 5000 रूपया निकाले गये आवेदक के अन्य खाता क्रमांक 11265291473 स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है जिससे भी दिनाक 11.02.2025 को क्रमश 300/रूपया, फिर 25,000/ रूपया फिर 24000 रूपया फिर 18000/ रूपया एवं 8000 रूपया निकाले गये ।
आवेदक के सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा रहली के खाता क्रमांक 3158615312 मे से दिनाक 11.02.2025 को 1 रुप्या फिर 50,000 / रूपया फिर 25000/ रूपया फिर 42,000/ रूपया फिर 8,000/ रूपया फिर 8,000 रूपया फिर 9000 रुपया निकाले गये। आवेदक की सिम का बंद हो जाने के कारणवश आवेदक को उक्त अज्ञात व्यक्ति द्वारा पैसे निकासी के मैसेज प्राप्त नहीं हो सके जिसकी जानकारी आवेदक को बैंक जाने पर लगी।ऑनलाइन ठग द्वारा कुल 4.18.000/की ठगी की गई।।
ठगी का शिकार हुए प्रवीण सिरोठिया पेसे से ठेकेदार है और इनका फोन नम्बर अभी भी चालू है लेकिन इनके पास कोई घंटी नहीं आ रही साथ ही कई व्हाट्सप्प नम्बरो पर सरकारी योजनाओं के एप्प की लिंक भी आ रही है शायद वह ठग इन लिंक के माध्यम से अन्य को भी शिकार बनाना चाहता है ऐसे में आप शतर्क रहें अंजानी लिंक को ना खोले।अपना आधार कार्ड नम्बर, ओटीपी, फिंगर, रेटीना कही स्केन ना करें।






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